शहरयार साहिब के गुजर जाने पर मैंने अंग्रेजी में एक ब्लॉग लिखा था. उसे ही अपने हिंदी पाठकों के लिए पोस्ट कर रहा हूँ.
Tribute to Shaharyar
उर्दू के मशहूर शायर और विद्द्वान प्रोफेसर अखलाक मोहम्मद खान "शहरयार" का 13 फ़रवरी 2012 को अपने घर अलीगढ में निधन हो गया. एक श्रधांजलि:
शहरयार
Tribute to Shaharyar
उर्दू के मशहूर शायर और विद्द्वान प्रोफेसर अखलाक मोहम्मद खान "शहरयार" का 13 फ़रवरी 2012 को अपने घर अलीगढ में निधन हो गया. एक श्रधांजलि:
जिन्दगी जैसी तमन्ना थी नहीं कुछ कम है.
हर घडी होता है एहसास कहीं कुछ कम है.
हर घडी होता है एहसास कहीं कुछ कम है.
घर की तामीर तसवुर ही में हो सकती है,
अपने नक्से के मुताबिक ये ज़मीं कुछ कम है.
अपने नक्से के मुताबिक ये ज़मीं कुछ कम है.
बेचारे लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगी,
दिल में उम्मीद तो काफी है यकीन कुछ कम है.
दिल में उम्मीद तो काफी है यकीन कुछ कम है.
अब जिधर देखिये लगता है की इस दुनिया में,
कहीं कुछ चीज ज्यादा है कहीं कुछ कम है.
कहीं कुछ चीज ज्यादा है कहीं कुछ कम है.
आज भी है तेरी दूरी ही उदासी का सबब,
ये अलग बात की पहली सी नहीं कुछ कम है.
ये अलग बात की पहली सी नहीं कुछ कम है.